National Doctors Day: राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे

Doctors Day

National Doctor’s Day: डॉक्टर्स को हमारी इस धरती पर भगवान की संज्ञा दी जाती है क्यूंकि हमारे मुश्किल समय में डॉक्टर्स ही हमारी परेशानियों और दुःखों को खत्म करने का काम करते हैं I वे न केवल हमारे शारीरिक दुःखों को दूर करते हैं बल्कि काउन्सलिंग करके हमारे मानसिक विकारों को भी दूर करने का काम करते हैं I हमारे समाज में उनका योगदान हमेशा से अतुलनीय रहा है I

Doctors Day

डॉक्टर्स हमारे जीवन के रक्षक होते हैं और हमेशा हमारे लिए तत्पर रहते हैं इसलिए हम हर साल डॉक्टर्स के योगदान और समर्पण के लिए उनके सम्मान में डॉक्टर्स डे मनाते हैं I चाहे वह राष्ट्रिय स्तर पर मनाया जाए या वैश्विक स्तर पर I आइये जानते हैं डॉक्टर्स डे क्यूँ मनाया जाता है I

राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे

भारत में हर साल राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे 1 जुलाई को मनाया जाता है I इस दिन को भारत के महान डॉक्टर, फ्रीडम फाइटर और पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ० बिधान चन्द्र रॉय को समर्पित करते हुए राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे के रूप में मनाया जाता है I 1 जुलाई को डॉ० बिधान चन्द्र रॉय का जन्म और निधन का दिन होने के कारण इस दिन को चुना गया है I

विश्व डॉक्टर्स डे

विश्व डॉक्टर्स डे की कोई निश्चित तिथि नहीं है I कुछ देशों जैसे अमेरिका में इसे 30 मार्च को मनाया जाता है और कुछ देशों में 3 अक्टूबर को मनाया जाता है I तिथियों में भिन्नता के बावजूद इसका उद्देश्य अपने जीवन को महामारी, आपातकाल, प्राकृतिक आपदा और चिकित्सा सेवा में समर्पित करने वाले डॉक्टरों का सम्मान करना होता है I

राष्ट्रीय और विश्व डॉक्टर्स डे में अंतर

  • दोनों में मुख्य अंतर तिथियों का है I जहाँ भारत में राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे 1 जुलाई को मनाया जाता है वहीं विश्व डॉक्टर्स डे अलग-अलग देशों में अलग-अलग तिथियों को मनाया जाता है I
  • भारत में डॉक्टर्स डे डॉ० बिधान चन्द्र रॉय की याद में उनको श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है जबकि विश्व में इस दिन सभी डॉक्टरों को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है I
  • भारत में भारत सरकार और मेडिकल संस्थान इस दिन को मनाते हैं जबकि विश्व डॉक्टर्स डे विश्व स्वास्थ्य संगठन, एनजीओ और मेडिकल बोर्ड इसे मनाते हैं I

What is Heart Attack: हार्ट अटैक क्या होता है और इसके लक्षण क्या हैं

हार्ट अटैक क्या होता है

सामान्यतः हार्ट अटैक तब होता है जब हार्ट को ब्लड सप्लाई करने वाली नसों में ब्लॉकेज हो जाता है और हार्ट के सेल्स में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने लगती है जिसकी वजह से हार्ट के सेल्स डेड होने लगते हैं I यह ब्लॉकेज वसा, कोलेस्ट्रोल और अन्य पदार्थों की वजह से होता है I


हार्ट अटैक के लक्षण

हार्ट अटैक के बहुत सारे लक्षण होते हैं जिनमें से कुछ लक्षण हैं :-

  • सीने के बायीं ओर, सीने के बीच में या फिर पीठ में दर्द होना
  • चलने पर सीने का दर्द बढ़ना
  • सांस फूलना
  • ज्यादा पसीना आना
  • चक्कर आना और आँखों के सामने अँधेरा छा जाना
  • सीने और गले में जलन रहना
  • थकान महसूस होना

हार्ट अटैक के खतरे के कारक

हार्ट अटैक के खतरे के कई कारक होते हैं I इनमें से कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिन्हें आप बदल नहीं सकते हैं जैसे:-

  • उम्र और लिंग:- जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती जाती है, हार्ट अटैक आने का खतरा भी बढ़ता जाता है I हमारा लिंग इस बात पर निर्भर करता है की हमें हार्ट अटैक कब आ सकता है I जहाँ पुरुषों में हार्ट अटैक का खतरा 40 साल की उम्र से बढ़ना शुरू होता है वहीं महिलाओं में यह 50 साल की उम्र या मीनोपॉज से शुरू होता है I हालांकि आजकल यह कम उम्र के लोगों में भी देखने को मिलता है I
  • हार्ट अटैक का पारिवारिक इतिहास:– अगर आपके माता-पिता में से किसी को भी हार्ट की बीमारी रही होगी तो अनुवाशिकता के कारण आपके अन्दर भी इस बीमारी के लक्षण आ सकते हैं I इस बीमारी के लक्षण माता-पिता के जीन से होते हुए बच्चों में भी पहुँच सकते हैं I
  • जीवनशैली:– हमारी गलत जीवनशैली की वजह से भी हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है I इसमें शारीरिक गतिविधि कम करना , धुम्रपान करना, मोटापा, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, उच्च वसा और कोलेस्ट्रोल युक्त खाना आता है I

हार्ट अटैक के इलाज में किये जाने वाले टेस्ट

हार्ट अटैक के इलाज में डॉक्टरों द्वारा कुछ टेस्ट कराये जाते हैं जो हैं :-

  • ब्लड टेस्ट : हार्ट अटैक के इलाज में सबसे भरोसेमंद तरीकों में से एक है कार्डियक ट्रोपोनिन का टेस्ट करना I हार्ट अटैक के दौरान हार्ट के मांसपेशियों की सेल्स को नुकसान ब्लड में इस रासायनिक मार्कर को दिखाता है I
  • इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम या ईसीजी: यह उन टेस्टों में से एक है जो पेशेंट को आईसीयू में रखने के बाद करवाया जाता है ताकि हार्ट की सही स्थिति का पता लगाया जा सके I
  • इकोकार्डियोग्राम: यह अल्ट्रासाउंड का उपयोग करके हमारे हार्ट के अन्दर और बहार की तस्वीर बनाता है ताकि हमें पता चल सके कि हमारा दिल कितनी अच्छी तरीके से काम कर रहा है या नहीं I
  • कंप्यूटरीकृत टोमोग्राफी (सीटी) स्कैन:- यह हमारे हार्ट और उसकी ब्लड की नलियों का विस्तृत स्कैन करता है और पता लगाता है कि कोरोनरी धमनियों में कोई सिकुड़न या कोई कठोरता तो नहीं है I

हार्ट अटैक का इलाज

हार्ट अटैक के इलाज में सबसे पहले हार्ट की मांसपेशियों में ब्लड फ्लो को सही करना होता है I इसमें थक्कारोधी दवाओं या खून को पतला करने वाली दवाओं का उपयोग किया जाता है I हार्ट अटैक आने पर अपने नजदीकी अस्पताल या डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ताकि समय रहते पेशेंट की जान बच सके I

अपने दिन की शुरुआत ऐसे करें और रहें हमेशा स्वस्थ

Health

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अपने स्वास्थ्य पर उतना ध्यान नहीं दे पाते हैं जितना हमें देना चाहिए I हमें पुराने समय से चले आ रहे अंग्रेजी कहावत “हेल्थ इज़ वेल्थ” पर ध्यान देना चाहिए और अपने स्वास्थ्य को लेकर सजग रहना चाहिए I अपने दिन की शुरुआत हेल्दी दिनचर्या से कीजिए और फिर देखिये उसके लाभ I हम अपनी कुछ खराब आदतों को छोड़कर और एक अच्छी जीवनशैली को अपनाकर जीवनपर्यन्त स्वस्थ और निरोगी शरीर के मालिक बन सकते हैं I

हमारा शरीर एक पौधे की तरह हैं I जैसे हम किसी पौधे को अच्छे से खाद और पानी देते हैं तो वह हमें फल और फूल देते हैं, ठीक उसी प्रकार अगर हम अपने शरीर को पोषक तत्वों से भरपूर रखते हैं और अपने शरीर पर ध्यान देते हैं तो हमारा शरीर भी हमारा साथ देता हैं और हम अपने आपमें उर्जावान महसूस करते हैं I अगर हमारा शरीर स्वस्थ रहेगा तो हमारा मन भी प्रसन्न रहेगा क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का निवास होता है I शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए हमें अपने दिन की शुरुआत कुछ अच्छी आदतों से करनी चाहिए जैसे-


सुबह उठकर गर्म पानी पीना

सुबह उठकर खाली पेट गर्म पानी पीने से शरीर के विषाक्त पदार्थ शरीर से बहार निकल जाते हैं और शरीर का मोटापा भी कम होता है I दुनिया में बहुत पुराने समय से लोग सुबह उठकर गर्म पानी का सेवन करते हैं और अपने शरीर में जमें हुए वसा को कम करते हैं I गर्म पानी का सेवन न कि सुबह फायदा करता है बल्कि रात को सोने से पहले गर्म पानी पीने से पेट और ह्रदय सम्बन्धी बीमारियों से भी छुटकारा मिलता हैं I पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है और शरीर में पानी की कमी नहीं होती है I

मॉर्निंग वॉक या योगा करना

पौष्टिक नाश्ता और खाना

सुबह-सुबह 30 से 60 मिनट मॉर्निंग वॉक या योगा के लिए समय जरुर निकालें जिससे कि शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीज़न मिल सके और हमारे अंग अच्छे से काम कर सकें I मॉर्निंग वॉक या योगा करने से हमारे शरीर के विकार के साथ-साथ हमारे मानसिक विकार भी दूर होते हैं और हम शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ हो जाते हैं I इस दिनचर्या से हमारे आत्मसम्मान में भी बढ़ोत्तरी होती है और हम दिनभर उर्जावान बने रहते हैं I

सुबह का नाश्ता बहुत महत्वपूर्ण होता है I 8 से 10 घंटे खाली पेट रहने के बाद हमें सुबह अपने नाश्ते में पौष्टिक चीजों को शामिल करना चाहिये I इन चीजों में अंकुरित चना, मूंग, सोयाबीन की फली, मूंगफली, अंकुरित गेहूं आदि का सेवन करना चाहिए I नाश्ते में आप ओट्स या दलिया का भी इस्तेमाल कर सकते हैं I इसके अलावां मौसमी फल, हरी पत्तेदार सब्जी, दूध और अंडे का उपयोग भी किया जा सकता है I

बहुत लम्बे समय तक एक जगह न बैठना

हमें बहुत लम्बे समय तक एक जगह नहीं बैठना चाहिये I ऑफिस या अपने कार्यस्थल में काम करते समय हमें लम्बे समय तक एक जगह बैठे रहना पड़ता है जिसकी वजह से हमें कमरदर्द या पीठदर्द और कई अन्य बीमारियों का सामना करना पड़ता है I इससे छुटकारा पाने के लिए हमें बीच-बीच में उठकर थोड़ी देर टहलना और पानी पीते रहना चाहिये I

अच्छी नींद लें

अच्छी नींद लेने से हमारे शरीर के अंगों को आराम मिलता हैं और हमारी पाचन क्रिया ठीक रहती है I हमें 24 घंटे में कम से कम 8 घंटे की नींद जरुर लेनी चाहिये जिससे हम दिनभर फ्रेश फील कर सकें और अपने काम में मन लगा सकें I

दिखना है ताकतवर और जवान तो अभी से अपनी डाइट में शामिल करें स्प्राउट्स

sprouts

अगर आप ताकतवर और हमेशा जवान दिखना चाहते हैं तो स्प्राउट्स को अपनी डाइट में आज से ही शामिल करिये और देखिये इसके कमाल I

अंकुरित अनाज में अंकुरित चना, गेहूं, मूंग, सोयाबीन की फली, मूंगफली आदि आते हैं जो हाई फाइबरयुक्त होते हैं और हमारे पाचन क्रिया को दुरुस्त करने का काम करते हैं I अंकुरित अनाज खाने से हमारे शरीर में नेचुरल तरीके से इन्सुलिन का निर्माण होता है जिससे हमारा शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है I यह आयरन और कॉपर के साथ शरीर में रेड ब्लड सेल्स को बढ़ाता है जिससे हमारा ब्लड फ्लो अच्छा होता है और ऑक्सीजन हमारे अंगों तक आसानी से पहुँच जाता है I

यह न केवल पाचन क्रिया को ठीक करने का काम करता है बल्कि इसको खाने से हमारे चेहरे पर चमक बनी रहती है और हम हमेशा जवान दिखते हैं क्योंकि यह पुरुषों में टेस्टोस्टेरॉन और महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन को नेचुरल तरीके से बढ़ाने का काम करता है I अंकुरित अनाज न केवल वजन घटाता है बल्कि इससे डायबिटीज की बीमारी भी दूर रहती है I

अंकुरित अनाज में विटामिन ए और सी होते हैं जो हमारी आँखों और हमारे इम्यून सिस्टम के लिए बहुत फायदेमंद होता है I  इसके अलावां इसमें प्रोटीन, मिनरल्स, फाइबर, फास्फोरस, मैग्नीशियम और आयरन भी होता है जो हमारे हार्ट की हेल्थ के लिए अच्छा होता है I इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है जो हमारे अच्छे कोलेस्ट्राल की मात्रा को बढ़ाने का और नुकसानदायक कोलेस्ट्राल को कम करने का काम करता है I

कपालभाति के फायदे जानकर दंग रह जायेंगे आप, इस योग के करने से जानिये किन-किन बीमारियों से मिलता है छुटकारा

कपालभाति

प्राणायाम हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी होता है जिसमें से एक है कपालभाति I कपालभाति प्राणायाम करने से हमें कई तरह की बीमारियों से छुटकारा मिलता है और हम अपने जीवनकाल में लम्बे समय तक स्वस्थ बनें रह सकते हैं I

हमारे देश में पुराने जमाने से ऋषि, मुनियों के द्वारा योग किया जाता रहा है जिसकी वजह से उन्हें स्वस्थ जीवन जीने का अनुभव प्राप्त होता रहा है I इन योगों के कई प्राणायामों में से एक प्राणायाम कपालभाति प्राणायाम है I इस लेख में हम आपको विस्तार से कपालभाति प्राणायाम के बारे में बताने जा रहे हैं I

कपालभाति प्राणायाम

कपालभाति प्राणायाम में तेजी से सांस छोड़ने और सामान्य तरीके से सांस लेने की प्रक्रिया होती है जिससे हमारे शरीर के हर एक अंगों तक खून का प्रवाह बना रहता है और हमारे अंग अच्छे तरीके से काम करते हैं I इसमें मेटाबोलिज्म की प्रक्रिया तेजी से होती है और हमारे शरीर में जमें एक्स्ट्रा वसा को कम करने में सहायता करता है जिससे हमारा मोटापा कंट्रोल में रहता है I

जिन लोगों को मोटापा, कब्ज और पाचन से जुड़ी समस्यायें होती हैं उन्हें कपालभाति प्राणायाम रोजाना करने से इन समस्याओं से लाभ मिलता है I इससे न सिर्फ मोटापा और पाचन की समस्यायें दूर होती हैं बल्कि मानसिक तनाव और डिप्रेशन भी दूर होता है और हमारे मन को स्थिरता मिलती है जिससे हमारा मन प्रसन्न और शांत रहता है I

इससे महिलाओं में होने वाले हार्मोनल असंतुलन की समस्या से निजात के साथ-साथ  अनियमित पीरियड्स की समस्या से भी छुटकारा मिलता है I कपालभाति प्राणायाम हमारे फेफड़ों को मजबूत बनाता है जिससे हमारे हर अंगों तक ऑक्सीजन का प्रवाह बना रहता है और हमारे शरीर में उर्जा का संचार होता है I

कपालभाति प्राणायाम हमारे स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है लेकिन अगर आपको कोई बीमारी जैसे कि डायबिटीज या हार्ट डिसीज है तो आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिये I