
हाई ब्लड प्रेशर के 7 संकेत: 7 Symptoms of High Blood Pressure: दोस्तों! भारत में आज हार्ट डिजीज, डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के मरीजों की सख्या लगातार बढ़ती जा रही है जोकि एक चिन्ताजनक बात है । इसलिए आज हम इनमें से एक बीमारी जोकि ब्लड प्रेशर है, के बारे में विस्तार से जानेंगे । हमारी आर्टरी के ऊपर जो ब्लड का प्रेशर या दबाव पड़ता है तो उस प्रेशर को ब्लड प्रेशर कहा जाता है ।
यह प्रेशर इसलिए जरूरी है क्योंकि यह शरीर के अंगों तक पोषक तत्व और ऑक्सीजन पहुँचाने के साथ साथ शरीर के विषाक्त पदार्थों को भी शरीर से बाहर निकालने में किडनी की मदद करता है ।
अक्सर हम सोंचते हैं कि ब्लड प्रेशर हमारे हार्ट की पम्पिंग की वजह से बनता है जोकि काफी हद तक सही है पर ब्लड प्रेशर को बनाने में एक और चीज काम में आती है वो है हमारी आर्टरीज के वाल्व की फ्लेक्सिबिलिटी । इन दोनों चीजों की अहम भूमिका होती है हमारे ब्लड प्रेशर को बढ़ाने और घटाने के लिए ।
हाई ब्लड प्रेशर के 7 संकेत
ब्लड प्रेशर को साइलेंट किलर के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इसके शुरुआती लक्षण के बारे में जल्दी पता नहीं चल पाता है । सामान्यतः 90% लोगों में हाई ब्लड प्रेशर के कोई भी लक्षण नहीं होते हैं ।
इसमें संभव है कि आपको हाई ब्लड प्रेशर की वजह से कोई दिक्कत न हो मगर चेक करने पर आपको दिक्कत हो । ऐसे ही हाई ब्लड प्रेशर के 7 संकेत हैं जिनसे पता चलता है कि आपको हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है ।
- चक्कर आना
- चलने के बाद सांस फूलना
- सर में हमेशा दर्द बना रहना
- मितली जैसे महसूस होना
- हार्ट अटैक आना
- ब्रेन हैमरेज होना
- किडनी फेलियर होना
लो ब्लड प्रेशर के संकेत
हाई ब्लड प्रेशर के बारे में तो सभी कुछ न कुछ जानते हैं पर लो ब्लड प्रेशर या हाइपोटेंशन के बारे में बहुत से लोगों को नहीं पता होता है जिससे कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है ।
- अचानक धुंधला दिखाई देना
- आखों के आगे अंधेरा छा जाना
- सर घूमना और चक्कर आना
- बेहोशी आना
- पुरे शरीर में थकान और कमजोरी महसूस होना
- ध्यान केन्द्रित करने में मुश्किल होना
- उलझन महसूस होना
- दिल की धड़कन तेज हो जाना
- उल्टी होना
ब्लड प्रेशर कितना होना चाहिए
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हेल्थ के मुताबिक हमारा ब्लड प्रेशर 120/80 mmHg होना चाहिए लेकिन यह हमेशा स्थिर नहीं रहता है । यह कई मौकों पर बदलता रहता है, जैस अगर हम खुश हैं तो हमारा ब्लड प्रेशर कुछ और होगा लेकिन अगर टेंशन में है या दुखी हैं तो कुछ और होगा या फिर अगर सदमे में हैं तो कुछ और हो जायेगा ।
अगर हमें ऊपर लिखे हाई ब्लड प्रेशर के 7 संकेतों में से कुछ संकेत दिखते हैं तो हमें अपना बीपी चेक कराना चाहिए । ब्लड प्रेशर में ऊपर वाला प्रेशर जोकि 120 होता है, सिस्टोलिक और नीचे वाला प्रेशर जोकि 80 होता है डायस्टोलिक कहलाता है । लेकिन समस्या तब होती है जब हमारा ब्लड प्रेशर लगातार बढ़ा रहता है या घटा रहता है ।

स्टडी के मुताबिक अगर आपके ब्लड प्रेशर के सिस्टोलिक में 20 का इजाफा और डायस्टोलिक में 10 का इजाफा होता है तो आपके अन्दर दिल की बीमारी होने का खतरा दोगुना बढ़ जाता है । सिस्टोलिक प्रेशर वो होता है जब हमारा हार्ट संकुचित होता है और उसकी वजह से प्रेशर लगता है जबकि डायस्टोलिक प्रेशर वो होता है जब हमारा हार्ट फैलता है या अपनी पुरानी स्थिति में आता है और उसके कारण प्रेशर लगता है ।
डायस्टोलिक प्रेशर हमारे जीवन के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण होता है क्योंकि डायस्टोलिक प्रेशर हार्ट के रेस्टिंग के समय का प्रेशर होता है और अगर रेस्टिंग के समय का प्रेशर बढ़ेगा तो यह हमारे हार्ट के लिए अच्छा नहीं है ।
ब्लड प्रेशर के प्रकार
ब्लड प्रेशर मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं ।
1. हाई ब्लड प्रेशर
जब हमारा ब्लड प्रेशर 120/80 से ज्यादा होता है तो इसे हाई ब्लड प्रेशर कहा जाता है । इसमें हार्ट और आर्टरी की वाल्व पर ज्यादा प्रेशर पड़ता है । हाई ब्लड प्रेशर के दो भाग होते हैं ।
a. एलिवेटेड ब्लड प्रेशर
इसमें अगर आपका सिस्टोलिक प्रेशर 120 से लेकर 129 तक है और डायस्टोलिक प्रेशर 80 से नीचे है तो उसे एलिवेटेड ब्लड प्रेशर कहा जाता है ।
b. स्टेज-1 हाइपरटेंशन
इसमें अगर आपका सिस्टोलिक प्रेशर 130 से लेकर 139 के बीच में और डायस्टोलिक प्रेशर 80 और 89 के बीच में तो यह स्टेज-1 हाइपरटेंशन की श्रेणी में आता है ।
2. लो ब्लड प्रेशर
लो ब्लड प्रेशर तब होता है जब हमारा ब्लड प्रेशर 120/80 से कम होता है । यह भी काफी खतरनाक होता है क्योंकि लो ब्लड प्रेशर की वजह से हार्ट ब्लड को शरीर के सारे अंगों तक ठीक से पहुंचा नहीं पाता है जिसकी वजह से हार्ट अटैक आने का खतरा बढ़ जाता है ।
अपने लाइफस्टाइल में बदलाव कर हाई ब्लड प्रेशर से छुटकारा पायें ऐसे
हम अपने लाइफस्टाइल में कुछ जरुरी बदलाव करके ब्लड प्रेशर से छुटकारा पा सकते हैं जैसे :-
- सुबह जल्दी उठकर मॉर्निंग वाक पर जाना या योगा करना
- तली-भुनी चीजें और नमक कम खाना
- एक जगह ज्यादा देर तक न बैठना
- पर्याप्त मात्रा में पानी पीना
- अपने वजन कंट्रोल में रखना
- शराब और धूम्रपान का निषेध करना
- अपने खाने में स्प्राउट्स, हरी पत्तेदार सब्जी, ताज़े फल और नट्स को शामिल करना
- परिवार के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड करना और हसना
ब्लड प्रेशर के इलाज के लिए अपने डॉक्टर के पास कब जायें
2017 के गाइडलाइन्स के हिसाब से अगर आपका ब्लड प्रेशर स्टेज-1 हाइपरटेंशन से ऊपर जा रहा है यानि 140/90 से ऊपर जा रहा है, तो आपको अपने डॉक्टर की सलाह से ब्लड प्रेशर का इलाज शुरू कर देना चाहिए ।इसमें आपको ब्लड पतला करने वाली दवाइयाँ दी जाती हैं जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है ।
इस प्रकार हमने जाना कि हाई ब्लड प्रेशर के 7 संकेत क्या हैं । उम्मीद है कि आपको ब्लड प्रेशर के बारे में यह जानकारी अच्छी लगी होगी । अगर आपको बीपी से सम्बन्धित और कोई भी जानकारी चाहिए तो आप हमसे कमेंट के माध्यम से पूंछ सकते हैं ।
FAQ
BP बढ़ने पर तुरंत क्या करें?
अगर BP बढ़ जाये तो तुरन्त पानी पियें, गहरी सांस लें और ठंडे पानी से नहायें । ज्यादा नमक और मसालेदार खाना खाने से बचें । इसके अलावां BP को कम करने के लिए आप डार्क चाकलेट का भी इस्तेमाल करें ।
बीपी किस चीज से बढ़ता है?
बीपी कई कारणों से बढ़ता है जैसे अनिद्रा, तनाव से, शराब और धूम्रपान से, नमक और मसालेदार चींजों के अधिक सेवन से, मोटापा और किडनी की समस्या से ।
क्या भूखा रहने से बीपी बढ़ता है?
हाँ, भूखा रहने से बीपी बढ़ता है । ज्यादा देर तक भूखा रहने से शरीर में स्ट्रेस हार्मोन बढ़ने लगता है जिसकी वजह से बीपी भी बढ़ने लगता हैं ।